21.02.2020
शुक्रवार
ओम साई श्री साई जयजय साई
सभी साई भक्तॉको बाबा का आशीर्वाद
श्री साई सत चरित्र और शिव महापुराण
आज मैने एक प्रसंग कॉ प्रचुरित कर रहाहू
। ईस प्रसंग भुवनॅश्वर से श्रीमति माधवि ने
भेजा ।
" ॐ साईराम" सभी साई भक्तोंको।
महा शिवराट्री का हार्दिक शुभकामनाये सभी साई भक्तोंको।
अभी तक हमने साई बाबा कैसा भगवान कृष्ण और भगवान रामचन्द्र का अद्भुत अवतार है
जानलिया। आज इस महाशिवरात्रि का पावन अवसर पर बाबा कैसा शिव का भी अवतार है जानेंगे।
एक दिन सौनकादि महाऋषि लोग सूत महर्षि से पूछा कि" प्रभु,अग्नान को दूर करने ज्नान प्रकाशित होनेका कोई उपाय बताईये। तब सूथ महर्षि ने बोला कि" हे भक्तगण, आज में आप सभी लोगोंको शिवमहापुराण का बारेमे
बोलूंगा। ये शिवमहापुराण सुन ने से अज्नान दूर होगा, ज्नान,
का उधय होगा, तब भगवान का हर एक काम का अर्थ समझ मे आएगा।
1992 में एक दिन साई बानीसा श्री रावाड़ा गोपालराव जी ( ये पुस्तक जो
लिखा है) को स्वप्न में शिवभगवान दर्सन दिया। उसका कुछ दिनों
बाद ओ शिरडी गया था। शिरडी में बाबा शिव स्वरूप का फोटो एक दुकान में देखा। उनका स्वप्न में
जो देखा,
ओ फ़ोटो वही था। ओ फ़ोटो खरीद
करके लाया। तब से जब भी साई चरित्र पड़ेगा, उनको बाबा पूरा शिव भगवान जैसा दिखाय देता था। साई बानीसा जी
बाबा का परम भक्त है। उनका हर स्वास में बाबा निवास करता है।
अब हम शिव महापुराण का, साई सत्चरित्र का समानता देखेंगे।
शिवा महापुराण में महादेव ने कहा कि"
मुझको,
मेरा लिंग मूर्ति को अंतर
नई है। दोनों समान है। जहाँ पर भी मेरा महालिंग का प्रतिस्ठा होगा वहा पर
में स्वयं निवास करेगा। साई सात चरित्र में भी बाबा बोला कि" जहां पर भी मेरा फ़ोटो या मेरा मूर्ति होगा, वहा पर में जरूर निवास करेगा। साई चरित्र में मेघा ने बाबा को शिव भागवान का रूप में ही
पूजा करता था। एक दिन बाबा ने अदृस्य रूप में मेघा का घर गया, और बोला कि "त्रिशूल लिखो, महादेव आ रहा है" सच्ची में एक भक्त ने शिवलिंग लेके आया। आज भी हम
गुरुस्थान में उनका दर्शन कर सकता है।
एक दिन ब्रह्मा देव ने नारद से कहा कि"
हे नारद,
तुम्हारा ,मेरा,ये सारा समस्त सृष्टि शिव का ही रूप है। शिव का बिना और
कुछ भी नई है" बोला।
साई चरित्र में भी 15
अद्याय में बाबा
ने कहा कि" मेरा निवास तुम सब का हृदय में है, सब जीव जन्तु,पसु पक्षी, सब का अंदर में में ही हु" साई चरित्र में अनेक उदाहरण भी है।
देवोंका देव महादेव को याद करने से सब को बेल पत्र का याद जरूर आएगा। क्योंकि बेल
पत्र शिव जी को बहुत पसंद है।
आप सभी साई भक्त जानता है कि , मेघा ने एक दिन गोदावरी नदी से पानी लाके, बेल पत्र बाबा का सिर पर रख के अभिषेक किया था। मेघा ने बाबा को
शिव भगवान ही मानता था।
आज महा शिव रात्री का पावन अवसर पर हम सब ने बाबा को शिव का रूप में याद किया।
आप सभी को देवोंका देव महादेव का आशीर्वाद आज का दिन जरूर मिलेगा। इस कामना करते
हुए में
दूसरा कहानी में
फिर मिलूंगी। जै साई नाथ।
"सर्वम साई नाथरपन मस्तु"