Thursday, 6 February 2020

श्री साई सत्चरित्र और रामायण - 2


      Image result for images of shirdi saibaba and lord rama
                         Image result for images of rose hd


06.02.2020  गुरुवार

ओम साई श्री साई जय जय साई

सभी साई भ्क्तॉ को बाबा का आशीर्वाद

आज का विषय श्री साई सत चरित्र और रामायण मे सारूप्यम घटना

तेलुगु से हिंदी मे अनुवाद किय श्रीमति माधवि, भुवनॅश्वर

श्री साई सत्चरित्र और रामायण  -  2

" ॐ साई राम" सभी साई भक्तोंको।

अभी हम अरण्यकाण्ड ( रामायण )में कुछ घटना याद करेंगे।ओ सभी घटना साई चरित्र में किस न किसी तरह समानता दिखायेंगे ।
   
 हम सब जानते है की मंधारा केहने पर कैकेयी ने राम भगवान को अरन्यवास में भेजा आखिर मंथरा कौन है। एक दासी केहेन पर कैकेयी क्यों सुना? ए जाने के लिए मंथरा का पिचले जन्म का बारे मे जानना होगा।
   


 मंथरा पिछले जन्म में एक हिरण थी। ओ हिरण को एक बेटी हिरण और दामा हिरण था। एक दिन कैकेय देश का महाराजा ओ दामा हिरण को शिकार करते हुऐ मार डाला। तब बेटी हिरण अपना मा का पास जाके बोली। तब मा हिरण, कैकय राजा का पास जाके बोली," राजा,मेरा दामा हिरण को आपने शिकार करके मार दिया। कोई बात नई। 
              Image result for images of dasaradha hit deer with arrow

उनका शरीर को मुझे दीजिए। में उसको उपचार करके फिर जीवित करेगा, मेरी बेटी का सुहाग लौटावउँग" बोली। किन्तु,राजा ने उसका कोई बात सुना नई। ओ मा हिरण बहुत क्रोधित होकर राजा को श्राप दिया कि" मेरा दामाथ का मौत का कारण आप है, आने वाला जन्म में आपका दामा का मौत का कारण में बनूँगी" ऐसा शाप दिया। ओ मा हिरण अगला जन्म में मंथरा बन के जनम लिया। मंथरा का कारण दसरथ महाराज स्वर्गवास हुआ। दसरथ महाराज कैकेय राज्य का दामा हे ना।
    

ऐसे घटना साई चरित्र में भी है। आपको आस्चर्य होगा सुनेसे। साईचारित्र 46 अद्याय में दो बकरी का कहानी आप लोग सब जानता है। ओ दो बकरी पिचले जनम में दो भाई थे। 
             Image result for images of shirdisaibaba and two goats

दोनों,एक दूसरोंको मार के ,मारा गया। ओ दोनों को बाबा पहचान लिया। क्योंकि ओ दोनों बाबा का भक्त थे। और एक कहानी वीरभद्रप्पा, चेन्न बसप्पा का था। और एक कहानी  द्वारकामाई में दो छिपकिली का था। सब बाबा को पता था पेहेले से। इस सब कहानी से पता चेलथा है कि हर घटना का कारण कहिन कही मिलता है। राम भगवान भी साई बाबा जैसा गरीब लोगों को बहुत प्यार करता था। जब अरन्यवास में राम जा रहे थे उनका सब आभूषण दान में गरीब लोगों को देदिया था। ओ भी पूरा बाबा जैसा कुछ भी पैसा नई रक्त था। बाबा सब से दक्षिना लेके रात होते ही सब दान में देता था। राम भगवान का, केवट,शबरी,सुग्रीव जैसा लोग अति प्रिय थे। बाबा को भी, अमीर,गरीब का अंतर नई देखता था। कितना समानता रामायण और साई चरित्र। इसीलिए बाबा को साई राम बुलाता है सब कोई। एसाहि कहानी लेके में फिर अउंगी।

" सर्वम साई नाथरपन मस्तु"


4 comments:

  1. So true... beautifully explained. बाबा ही हमारे राम श्याम और सब कुछ🙏🏼

    ReplyDelete
  2. Chala baagundi.mandhara topic ekkada dorakadu.. saibaanisa gaaru baaga collect chesaru.

    ReplyDelete
  3. Sairam , we forget our mistakes done in this life and continue committing New ones. If we leave sai Maya will punish us, don't forget Sai

    ReplyDelete