Saturday 25 January 2020

रामायण और श्री साई सत चरित्र


         Image result for images of Shirdi saibaba and lord Rama
               Image result for images of rose

25.01.2020  शनिवार

ओम साई श्री साई जय जय साई

रामायण और श्री साई सत चरित्र



" ॐ साई राम" सभी साई भक्तोंको। 

आज हम रामायण का बालकाण्ड का बारेमे जानेंगे। दसरथ महाराज का संतान नई सोच के सब समय ओ दुख में रहता था। उनका पास,यश,आराम,नाम,दाम,प्रतिस्ठा सब कुछ था। किन्तु कोई संतान नई था। तीन शादी करने का बाद भी संतान नई हुआ। वशिस्ठ महर्षि ने पुत्रकामेष्टि याग करवाया ऋष्य सृघा महर्षि का सहायता से। तब जाके उनको राम,लक्ष्मण,भारत,शत्रुघ्न,चार पुत्र का जनम हुआ।

Image result for images of putrakameshti by dasaratha
Image result for images of putrakameshti by dasaratha

साई सत्चरित्र में भी एसाहि कहानी है। एक दिन बाबा का पास" रतन जी शापूरजी वाडिया' नाम का एक सज्जन आया था। उनका पास,बहुत पैसा था ,सब कुछ था। किन्तु ओ सब समय धुक में रहता था। बाबा का पास आके अपना धुक को ओ बताया। बाबा उनको संतान प्राप्त होगा बोलके आशीर्वाद दिया। कुची दिन में उनको एक पुत्र जनम हुआ ।बाबा बहुत लोगों को संतान का वरदान दिया था। जदी हम ध्यान से साई चरित्र पड़ने से रामायण का बहुत कहानी इसमे समझ आएगा।

 और एक उदाहरण देतीहु। रामायण में गुरुअग्ना का बहुत प्राधान्य दिया है। यागसंरक्षण के लिए विस्वामित्र महर्षि ने राम,लक्ष्मण को अपना आश्रम लेके जारहा था। तब एक राक्षसी,ताटकी नाम की उनका सामने आया। विस्वामित्र महर्षि ने रामचंद्र को आदेश दिया कि,उसको मारो,किन्तु एक ओरत को मारना महापाप सोच के राम ने नई मारा,बहुत दुविधा में पड़ग्या। अब क्या करे,गुरुअग्ना है, उसको तो मान ना पड़ेगा,और कुछ नई सोचा राक्षशी को राम ने मार दिया एक बाण में। 
                Image result for images of lord rama and tataki

देखा रामचंद्र भगवान होने का बाद भी ,एक साधारण मनुष्य जैसा व्यवहार किया। साई चरित्र में भी एसा ही कहानी,आप सब जानता होगा कि 23 अद्याय में द्वारकामाई में एक भुडी बकरी को लाया था। बाबा ने काकासाहेब दिक्षित को बोला कि इसको मारो। मुसलमान होनेका बावजूद भी बड़े बाबा मना कीय। बहुत लोगों को बाबा बोला। सब मना किया। किन्तु धीक्षित ने ब्राह्मण होनेका बावजूद भी ओ बखरी को मार ने के लिए पूरा तैयार होगया था। साई बाबा को  ओ अपना गुरुदेव मान था था। गुरुअग्ना कैसा मना करेगा। किन्तु फिर बाबा ने मना किया,फिर पूछा,"तुम ब्राह्मण होके एक जीव को कैसा मारने के लिए  तय्यार होगया?" तो धीक्षित बोला " गुरुअग्ना मेरेलिया सब से बड़ा है बाबा "बोला।बाबा बहुत प्रसन्न हुआ।

एसाहि अनेक जगा में बाबा का कार्य रामचंद्र जैसाहि लगताहै। सभी देवी,देवता बाबा का साथ मे है।इसीलिए ओ इसयुग का युगावतार है।आप भी सोच लीजिए।
  
अपना राय बतादीजिया।और भी अच्छा,अच्छे कहानी लेके में फिर अवउंगी।

" सर्वम साई नाथरपन मस्तु"


2 comments:

  1. Sachidananda sadguru Sabbath maharaj ki jai!!
    Very well articulated similarities betwèen Sai and Ram

    ReplyDelete
  2. Thank u manga.sai baanisa gaaru raasaru.great devoti of sai naath.🙏🙏

    ReplyDelete