01.01.2020 बुधवार
सभी सायि भक्तों को बाबा का आशीर्वाद
नव विध भक्ति
आज मै भुवनेश्वर से श्रीमति माधवि भेजा गया इस उप्न्यास को प्रचुरित कर्ता हू।
"ॐ साई राम" सभी साई भक्तोंको। सब को
मेरी हर्थिक भधायी नया साल केलिए।हमारा प्रिय गुरुदेव,साई महाराज ने सभी साई भक्तोंको मनो कामना
पूर्ण करे,
सब समय सब का
साथ रहे,ये कामना में करथे हुए आज सभी साई भक्तोंको
नरसिंह अवतार का कहानी में लेजाती हु। साई नाथ का साथ नरसिंह अवतार कैसा समान हुआ
बताने का प्रयास करती हूं।
हम सब जानते है कि हिरण्याक्ष ने एक राक्षस था।उनको प्रह्लाद नाम का एक बेटा (परम
विष्णुभक्त ) जनम हुआ बेटा का रूप में । अब क्या करे। खुद का बेटा को
मारनेका ओ राक्षस ने बहुत प्रयास किया। इसी समय छोटासा प्रह्लाद ने पिता को बहुत
समझाया की
" पिताश्री,तुम नवदा भक्ति में कोई एक प्रकार का भक्ति
को अपनावे,में तुम्हारे हर इच्छा पूर्ण करूँगा।भगवान
नारायण अति दयालु है,तुम को कुछ नई करेगा। तुम्हारा शत्रु असल मे नारायण नई है। तुम अपना अंधर
का शत्रु अरिषड्ड वर्ग को छोड़ दो।( काम,क्रोद,मोह,लोभ,माध,मॉश्चर्य)। ओ कुछ नई सुना। नरसिम्हा भगवान का हाथ मे मारागया। ये कहानी हम सब
जानते है। अब साई चरित्र में इसका समानता क्या है,देखेंगे।
साई चरित्र में 21 अद्याय में बाबा पाटनकार को बुलाके पूछा कि
तुम 9
घोड़ा का लद्धे
जमा किया?
उसको कुछ भी समझ मे नई आय। ओ दादा केलकर को बुलाके पूछा कि" बाबा का
बातॉ में क्या अर्थ है? ओ बोला घोड़ा मतलब भगवान का अनुग्रह का एक
इशारा है। (भगवान विष्णु हयग्रीव अवतार में घोड़ा का मुँह था)। इसीलिए बाबा एसा
बोला।
बाबा महासमाधि का कुछ समय पहले लक्ष्मी बाई
को भी नौ सिखा दिया था, "बोला,तुम ने मेरा बहुत सेवा की, इस फकीर का पास कुछ नई,इसे रख लो" एसा बोलके नौ सिखा दिया था। जो नावविधा
भक्ति का प्राथीक है।
आत्माराम तरकड बीबी को बहुत अहंकार था। और बाबा का भक्ति भी बहुत करति थी। इसीलिए बाबा उनको छे रूपये मांग था धक्षिणा
का रूप में। उनका पास इतना पैसा नई था।
बाबा को बोली' मेरी पास इतना पैसा अभी नही है" तो बाबा बोला "मुझे पैसा नई चाहिए। अब तुम शिरडी
छोड़ के जारहीहो,तुम अपना अरिषड्वर्ग को मेरा समक्ष में छोड़
दो। देखो । प्रिय साई बंधु,एसा गुरु कितना खोजनेसे भी नई मिलेगा। तरकड का बीबी सब
कुछ बाबा का पास समर्पण किया। बाबा उसको बहुत आर्शीवाद दिया। तो इस कहानी से
ये पता चेला ना कि साई नाथ,
भगवान विष्णु
समान कृत्य किया अपना भक्तोंकेलिया। बाबा भी बहुत बार नरसिम्हा अवतार लेथे थे।
तो इस नया वर्ष में हम सब साई भक्त ये प्रण
लेथे है कि बाबा तो हमारा अतिप्रिय गुरु है। किन्तु हम भी
उनका अतिप्रिय भक्त बनेका प्रयत्न जरूर करेंगे।
सभी साई भक्तों को नूतन वर्ष
शुभकामना देते हुए में विराम लेती हूं
" सर्वम साई नाथरपन मस्तु"
Om sai ram
ReplyDeleteAdbhut upanyas hai
Sachidananda sadguru Sainath maharaj ki jai!!!
ReplyDeleteBaba ne navvidhbhakti ka pramukhya bole . Hum Ko sirf ek ka Acharan karna hai
Bahut acha he.sai ram
ReplyDeleteBaba ashirwaadam andariki sadaa vuntundi
ReplyDeleteOm Sai Ram🙏🏼
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