Friday, 27 December 2019

साईराम - श्रीकृष्ण


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27.12.2019  शुक्रवार

सभी साई भक्तो कॉ बाबा का आशीर्वाद

इस लीला भुवनॅश्वर सॅ श्रीमति माधवि नॅ भेजा ।

साईराम -  श्रीकृष्ण

"साई राम" सभी साई भक्तोंको।आज में आप सभी लोगोंको ओ कहानी याद करवाउंगी जो महाभराथ काल मे हुआ था।

एक बार जब पांडव ने अरन्यवास में थे दुर्वासमहर्षि अपना शिष्य समेत भोजन करने धर्मराज का पास आया था। 
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ओ भी दुर्योधन कहने  पर। दुर्वासा जैसा महर्षि खाने के लिए आएगा तो मना कैसा करेगा ओ भी धर्म का मूर्ति धर्मराज। अब पांडव द्रौपदि समेथे संकट में पड़ गया। क्या करे, उनका पास खाने केलिए कुछ भी नई। 


तब द्रौपदि ने कृष्णपरमात्मा को याद किया। तो भागवत महापुराण का, महाभारत का महा नायक थे। कस्ट समय मे उनको याद करने से ओ तुरंत प्रकट होता है। तो द्रौपदि याद किया,कृष्णा प्रकट हुआ।" पूछा क्या समस्या है कृष्णे  " बस,द्रौपदि बोलने लगी" प्रभु,तुम सब जानता है,तुम सब का अंतर्यामी हो,अब में दुर्वासमहर्षि को खाना कैसा दु। तुम्ही कुछ करो। हमारा रक्षा करो" तब कृष्णा ने बोला, तुम्हारा खानेका बरतन दिखाओ" बोला। ओ दिखाई। उसमे एक दाना चावल था। कृष्णा भगवान ने ओ एक चावल को खाया। 
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बस,नहाने के लिए गया हुआ दुर्वासमहर्षि का शिष्य समे भू मिटगया। उनका पेट भरा हुवा लगा। क्यों नई लगेगा? चतुर्दश भुवन अपना पेट मे समेट लिया कृष्णपरमात्मा। ओ योयोगिस्वर है। सब का मन ओ जानता है। प्रभु भक्त प्रिय है और भाव प्रिय है। धर्म का रक्षा करनेवाला परमात्मा धर्मराज का साथ दिया। दुःख दूर किया। ये कहानी तो द्वापर युग का है।
 
  द्वारकामाई में हमारा साई नाथ ने क्या किया ओ सुनिए।
 
  बाबा का एक प्रिय भक्त नेवास्कर थे। ये कहानी साई चरित्र 35 अद्याय में है। नेवास्कर मरनेका एक साल हुआ। तो उनका परिवार लोग उनका सालगिरा श्राद्ध कर्म करना चाहते थे। ओ लोग एक सौ लोगोंको खाने के लिए बुलाया। देखनेसे 400 लोग आया। खाना तो सब को नई होगा। अब क्या करे? सब कोई बहुत परेशान होगया था। तब उनका माताजी बोली, येतो बाबा का प्रसाद समझ कर, ओ खाना  मे थोड़ा विभूति डाला,और कपड़ा से कवर कर के खिलाया। देखातो सौ जन का खाना चार सौ लोग खाया। नेवास्कर बाबा का बहुत भक्ति करता था। तो उनका कस्ट बाबा कैसा दूर नई करेगा।

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अब साई भक्तगण ,सोचिये,महाभारत में कृष्णपरमात्मा जो किया, अभी साई परमात्मा ने भी वैसाही किया। हुआ ना दोनों समान। एसा अनेक उदाहरण है। में रोज एक कहानी लेके आप का पास अवउंगी। अभी सब एक साथ बोलिए" साई नाथ महाराज की जय"

"सर्वम साई नाधार्पण मास्तु"


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