23.12.2019 सोमवार
सभी साई भक्तॉ कॉ बाबा का आशीर्वाद
भगवान श्रीकृष्ण और षिरिडी साईबाबा
(भुवनॅश्वर से श्रीमति माधवि ने तेलुगु से अनुवाद किया )
( मूल पुस्क श्री सायिबानिस रावाड गॉपालराव जी का विरचित "मंदारमकरंदालु")
" ॐ अनंतकोटि ब्रह्माण्ड नायका,राजाधिराज योगिराज परब्रह्म सच्चिदानंद समर्थसद्गुरु साई नाथ महाराज की जय"
"ॐ साईराम" सभी साई बन्धुवोंको। कुछ दिन पेहले में आप सभी लोगोंको
द्वापरयुग में कृष्णपरमात्मा का लीला,द्वारका मई में साई परमात्मा का लीला याद कराया था।
अभी एसा ही और एक लीला याद करेंगे।
द्वापरयुग में कृष्णपरमात्मा जब बृन्दावन में
यशोधामय्या का पास रहता था,तब एक बार ओ सभी यादव दोस्तोंको लेके गाय
चेलाने के लिए गया था। तब ओ जो जंगल मे गया था ओ पूरा आग में जलरहा था। जैसा अग्निदेव
ने बहुत भूखा होकर आग लगाया। तब भगवान कृष्णा ने सब आग को अपना मुँह में
लेलिया था। वहा का यादव,गोपिया,गाय सब आग से बच गया था।
भगवान ने अपना भक्तों को कभी कस्ट में
देख नई सकता। एसा ही द्वारका मई में बाबा भी एसा ही लीला किया था। आप सभी साई भक्त
साई चरित्र पड़ता है। एक दिन द्वारकामाई का धुनि में आग बहुत जोर
जलरहा था। सब को एसा लगा कि द्वारकामाई मस्जिद पूरा आग का लपेट में आएगा। किन्तु बाबा ने
ओ अग्नि देव से कहा " ज़रा थाम लो, नीचे आजाव" बोलके ओ अग्नि को संभाला। तब जोभी मस्जिद
में बैठा था ओ लोग आस्चर्य होगया था।
एसा ही और एक लीला,भगवान कृष्णा ने एक बार इंद्रदेव का घमंड को
चूर,चूर करदिया था। इंद्रदेव ने
पत्थर का बारिश करवाया गोकुल में। तब सारा बृन्दावन कृष्णपरमात्मा का शरण मे
आया। प्रभु ने गोवर्धन पर्वत को एक उँगली मे उठाके सब को रक्षा
किया।
ये कहानी हम सब जानता है।एसा ही शिरडी में भी एक बार मूसलधार बारिश हुआ था। सारा शिरडी बाबा
का शरण मे आया। तब बाबा मस्जिद का बाहर आके, आकाश का ओर देख के बोला,की" रुको,बहुत होगया। अब रुक्
जाव" बोला।
तो पूरा बारिश
बन्द होगया।
अब सोचने वाली बात ये की, कृष्णपरमात्मा का,
और साई परमात्मा
का अभेध है। इस घटना से हम को ये पता चेलथा है कि सारा प्रकृति उनका अधीन में है। देखा, कितना सुंदर
समानता है। अब तो सब को माना ही पड़ेगा कि द्वापरयुग में जो कृष्णपरमात्मा था, वही कलियुग में द्वारकामाई का राजाधिराज बन के ,दीन दुखी लोगोंको उद्धर करने शिरडी में आविर्भूत हुआ।
ये सब कहानी साई बानीसा रावडा गोपालराव जी का "मंदारामकरंदालु" पुस्तक से लिया है।साई
बानीसा जी बाबा का अति प्रिय भक्त है।तो बाबा का दर्शन पाथा है।
" सर्वम साई नाथार्पण मस्तु"
Om Sai Sri Sai jaya Jaya sai
ReplyDeleteBoth leelas are coerelated well.
ReplyDeleteBaba is none other thank krishna.
Jai bolo sachidananda sadguru Sainath maharaj ki jai!!
Sairam,sai syaam..Both r same.����
ReplyDeleteSri sacchidaananda sad guru sainath maharaja Ki jai
ReplyDeleteSairam
ReplyDeleteAum sai ram !
ReplyDeleteSri Sachhidananda Samardha Sadguru Sainath Maharaj ki Jai
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