Friday, 10 January 2020

कृष्णपरमात्मा का,साई परमात्मा का समानता


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10.01.2019   शुक्रवार

ओम साई श्रीसाई जय जय साई

सभी साई भक्तॉ कॉ बाबा का  आशीर्वाद

भुवनॅश्वर सॅ श्रीमति माधविने भेजा दिया इस प्रसंग कॉ प्रचुरित करता हुं  

 कृष्णपरमात्मा का,साई परमात्मा का समानता

" ॐ साई राम" सभी साई भक्तोंको।
    कृष्णपरमात्मा का,साई परमात्मा का समानता बहुत लीला में नजर आता है। आप देखिए इस कहानी को।
   
 कृष्णा भगवान जब द्वारका में थे एक बार उनका मित्र सुधामा,एक गरीब ब्राह्मण ,कृष्णा का पास आया था। ,कृष्णा ,और बलराम सांदीपनि महर्षि का पास शिक्षा प्राप्त कर हा था। सुदामा कृष्णा का परम मित्र था। कालप्रवाह में कृष्णा द्वारका चेला गाया । सुदामा अपना गाव चेला गाया ओ सुधाम बहुत गरीब था। खाने के लिए भी कुछ नई था। ओ कृष्णा से मिलने एक बार द्वारका आया था। 



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ओ गरीब ब्राह्मण को कृष्णा ने सादर आह्वान किया। आलिंगन किया। बहुत श्रेस्ट योगी,मुनि लोगोंको भी इतना भाग्य नई होता है। सोना का कलश से पानी लाके, सुदामा का पाद दोया। चंदन,पुष्प लगाया। 
     
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पूछा कि," मेरा प्रिय मित्र, मेरे लिये क्या लाया? सुदामा छुड़ा लेके आयथा अपना कृष्णा के लिए। किन्तु कृष्णा को देने के लिये उसको शरम लगा। किन्तु कृष्णा मांग के खाया। तो परमात्मा है। तो भक्त का भाव को देखता है। सुदामा ने जो मांग ने आया था भगवान ने ओ सब दे दिया बिना मांग के। ये तो द्वापरयुग का कहानी है।

 अब कलियुग में श्री साई नाथ ने भी एसा हि कहानी रचाया। ओ क्या है सुनते है।
   
 श्री साई सत्चरित्र में 27 अद्याय में  श्रीमती खपार्थे ने बाबा के लिए सांझा,पूरी,लेके आया। बाबा उसी का खाना खाया। श्रीमती खपार्थे बाबा का पाद दवारहीथी। बाबा भी उसकि पाद दवारहा था।भक्त,भगवान समानता दिखाने वाला ये कहानी हम सब जानते है ना।

1914 में रामनवमी का दिन एक बूढ़ी बाबा के लिए  रोटी लेके आयी है। उस दिन द्वारकामाई में बहुत बीड था। सब कोई बाबा के लिए खाना लेके आया था। ओ बूढ़ी औरत द्वारकामाई का अंर भी आ नई पायी। ओ बहुत दूर से आ रही थी। रास्ता में ही आधा रोटी खालिया। उसको बहुत शरम लगा बाबा को अपना झूठा रोटी देने के लिए। इसीलिए ओ मस्जिद का अंदर भी आया नई। किन्तु साई परमात्मा सब जानता है । ओ स्यामा को बोला" जाओ,द्वारकामाई का बाहर में एक बूढ़ी अंधार आ नई पारहीहै,उसको लेके आना" स्यामा गया,ओ बूढ़ी को लेके आया।बाबा बोलै" मा,मेरे लिए तुम रोटी लाया ना,दो मुझे,बहुत भूक लग रहाहै" बोलके ओ खुद रोटी लेके खाया।साई नाथ भी कृष्णा भगवान जैसा भाव का बहुत प्रिय है।अब सोचिये,है ना दोनों समान।

(सर्वम श्री सायिनाधार्पण मस्तु)

3 comments:

  1. Om namo sai Krishna namo namaha 🙏

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  2. sachidanda sainath maharaj ki jai!!
    Krishna told yogis are his form only aathma swarup hai.

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