Thursday, 12 March 2020

गुरुगीता का मह्त्व और श्री साई सत चरित्र


     Image result for images of shirdi sai
      Image result for images of rose hd

12.03.2020  गुरुवार

सभी साई भक्तॉ को बाबा का आशीर्वाद

आ्ज मैने भुवनेश्वर से श्रीमति माधविने भेजा दिया इस प्रसंगकॉ प्रचुरित कर्ता हूं ।

गुरुगीता का मह्त्व और श्री साई सत चरित्र

" ॐ साई राम" सभी साई भक्तोंको। अब गुरुगीता ,साई सत चरित्र, का प्रसंग आगे बढ़ाती हु।

 
गुरुगीता में महादेव ने मा पार्वती को हमारा जीवन मे गुरु का प्रासस्थ्य कितना है बोल रहा हे इस प्रकार" हे उमा, गुरु का असली स्वरूप को नई जानके , साधक ने कितना भी जप,तप, व्रत,याग्न, दान करने से भी,सब व्यर्थ है।
   
 Image result for images of lord siva telling gurugita to parvati

यही बात के साई चरित्र में साई नाथ ने दौराया,बाबा एक कहानी बोला कि" एक बार हम चार लोग एक जंगल मे गुरु का खोज में गया,उस मे एक आदमी बोला कि"आत्मा को आत्मा से ही उधार करना है,बोला, दूसरा आदमी बोला"नई,अपना मन को जो स्वादीन में रखता हे, ओ धन्य है" बोला, तिसरा आदमी बोला "जो आंख देखता हे, ओ सादा परिणाम होता है,इसीलिए सत्या सत्या विचक्षण बहुत जरूरी हे, और चार नंबर आदमी ( ओ साई बाबा थे) बोला कि" पुस्तक ज्नान कोई काम का नई हे, हमारे लिए जो कर्म करना हे, ओ काम खत्म कर के,तन,मन, बुध्दि से गुरु का सर्वस्या शरणागति करना हे, और गुरु सर्व्य व्यापी है,गुरु का प्रति अचंचल विस्वास रखना बहुत जरूरी हे, बोलके  वो चार जन गुरु का खोज में निकल पड़ा।
 
 जो गुरुगीता में महादेव ने मा पार्वती को कहा,वही बात बाबा ने साई चरित्र में करके दिखाया। महादेव ने कहा" जो भक्त गुरु का पाद तीर्थ को अपना सिर पर लगाये, उसको सर्व्य तीर्थ का स्नान फल मिलेगा।

 साई चरित्र में 4 अद्याय में एक बार दासगणू बोला कि",बाबा,में पांडर पुर जाना चाहता हु" बाबा बोला कि" शिरडी ही पंडरी हे। इधर ही तुम्हारा प्रयाग है। बोलके दासगणू को पंडरी विट्टल का दर्सन दिया। बाबा का दो पाद से गंगा,यमुना नदी का पानी निकालने लगा। दासगणू कितना भाग्यवान है, ओ गंगा,यमुना,का पानी को अपना सिर पर लगाया। और अत्यंत भाव से" शिरडी माझे पण्डारीपुरा साई बाबा राम वर" गाना लिखा। महादेव शिवजी का मुह से निकल हुआ शब्द को बाबा करके दिखाया। अब बोलिए बाबा से बड़ा सद्गुरु कौन हो सकता है ??

" सर्वम साई नाथरपन मस्तु"


6 comments: